समस्याओं से शिक्षण कार्य प्रभावित व्यवस्था बनाने नहीं दिया जा रहा ध्यान
ट्रांसफर तो हो रहे लेकिन नियुक्ति को कर रहे नजर अंदाज |
शिक्षकों की टांसफार्मर प्रक्रिया के बाद क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल जैसे तिघरा, भटगवां पिपरिया और ड़ूंड़ी में एक तो कुछ में एक भी शिक्षक नहीं बचे हुए हैं,जिनकी कमी पूरी करने पहले बीते वर्ष में कार्यरत अतिथी शिक्षक,फिर अतिशेष और अब वर्तमान में बीते डेढ़ माह से नये अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है,जो जीएफएमएस पोर्टल पर आये दिन नये-नये अपडेट और उसपर मैंटनेस के चतते हफ्तों तक बंद रखने के चलते अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, उक्त पोर्टल की विसंगति के कारण एक तरफ जहां च्वाइस फिंलिंगकर प्रार्थमिकता के आधार पर स्कूलों का चयन करने वाले अतिथि शिक्षक उम्मीदवार हैरान हैं,तो दूसरी तरफ शालाप्रभारी भी मानसिक रूप से परेशान देखने मिल रहे हैं, जैसे की वर्तमान समय पर प्राथमिक शाला डूंड़ी में बीते तीन माह से एक शिक्षिका अर्चना मेहरा के भरोसे पूरे स्कूल की बागडोर सौंप दी गई है, जिनके द्वारा विभागीय मिंटींग या आकस्मिक अवकाश में जाने के दौरान यहां अध्यनरत 22 बच्चों को सम्हालने एक भी शिक्षक नहीं हैं,जिस पर उनका कहना है की उक्त स्कूल में उनके अकेले पड़ जाने से स्कूल के विभागिय कार्य और बच्चों की पढ़ाई दोनों के बीच सामंजस्य बनाये रखने में उनको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,
दूसरी तरफ स्कूल की अपूर्ण पड़ी बाउंड्रीवाल व प्रसाधन निर्माण कराकर दो माह से काम रोकते हुए अभी तक उसके ऊपर पानी की टंकी बैठाकर पानी की ब्यवसथा का कार्य नहीं कराये जाने से बच्चों के द्वारा शाला परिसर से बाहर निकलकर सामने से गुजर रहे मार्ग में खेलने की आंशका पूरे समय बनी रहती है।इस बारे में संबंधित पंचायत सचिव गोपालसिंह और शिक्षा विभाग के इंजीनियर बृजमोहन दाहीया का कहना है की प्राथमिक शाला ड़ूड़ी में शौंचालय निर्माण और सीट बैठाने का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है,बस वहा पर पानी की टंकी बैठाकर नल व पानी की ब्यवसथा बनवाये जाने का कार्य शेष है, जिसे शीघ्र ही पूर्ण करवा दिया जायेगा।बाऊडीवाल का मामला पूर्व सरपंच -सचिव के समय का है जिसकी रिपोर्ट बनाकर जनपद कार्यालय में प्रेषित की जा चुकी है,जिस पर कार्यवाही अधिकारीयों के द्वारा की जानी है।